भूखण्ड/गाटे के विक्रय की स्थिति जाने : Step-by-Step Guide

उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट https://upbhulekh.gov.in/ आपको भूखण्ड/गाटे के विक्रय की स्थिति जानने में सहायता प्रदान करती है। किसी भी भूमि या गाटे को खरीदने या बेचते समय यहां से चेक कर सकते हैं। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है क्योंकि यह न केवल दावे और उपयुक्तता की पुष्टि करता है, बल्कि भूमि या गाटे की संपत्ति के मालिकाना हक की भी पुष्टि करता है। भूखण्ड/गाटे के विक्रय की स्थिति जानने के लिए हमने नीचे आपको गाइड किया है।

Step-1: सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट https://upbhulekh.gov.in/ पर विजिट करना होगा

Step-2: अब आपके सामने वेबसाइट खुल जाएगी और भूखण्ड/गाटे के विक्रय की स्थिति जाने पर क्लिक करना है।

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Step-3: अब आपको जनपद, तहसील और ग्राम सेलेक्ट करना होगा

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Step-4: अब आपके सामने एक नया विंडो खुलकर आएगा जिसमें आपको अपना गाटा संख्या इंटर करना है फिर खोज पर क्लिक करें

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Step-5: खोज पर क्लिक करने के बाद भूखंड से जुड़ी हुई सभी जानकारी आपके सामने दिखने लगेगी, भूखंड संख्या सेलेक्ट करने के बाद विक्रय स्थिति पर क्लिक करें

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Step-6: इस प्रकार अब आपके सामने क्रय विक्रय की स्थिति दिखने लगेगी।

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भूखण्ड/गाटे के विक्रय विभिन्न चरण होते हैं। सबसे पहले, खरीदार और विक्रेता के बीच एक विवादमुक्त समझौता होता है, जिसमें संपत्ति की मूल्य और अन्य महत्वपूर्ण शर्तें सम्मिलित होती हैं। फिर, इस समझौते के आधार पर एक विस्तृत खरीदारी-बिक्री समझौता (डीड) तैयार किया जाता है। इस डीड में संपत्ति के विवरण, मूल्य, समय-सीमा, और अन्य महत्वपूर्ण शर्तें शामिल होती हैं।

जब डीड की समीक्षा और स्वीकृति हो जाती है, तो खरीदार को अधिकृत निधि को भुगतान करना पड़ता है। इसके बाद, भूखण्ड/गाटे के प्रोपर्टी रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें संपत्ति के नाम परिवर्तित किया जाता है और कानूनी स्थिति दर्ज की जाती है। इस प्रक्रिया के बाद, संपत्ति का नया मालिक बन जाता है और उसे पूरी तरह से नियंत्रित करने का अधिकार होता है।

इस प्रकार, “भूखण्ड/गाटे के विक्रय की स्थिति जानना” एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो संपत्ति के वास्तविक मालिकाना हक की पुष्टि करती है और संपत्ति के विक्रय को समर्थन करती है।

FAQ

इस प्रक्रिया में समय की क्या सीमा होती है?

इस प्रक्रिया का समय सीमा विवाद की प्रकृति और कानूनी प्रक्रिया के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

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