उत्तर प्रदेश में शत्रु सम्पत्ति भी है ,इसकी जानकरी लेने के लिए आपको उत्तर प्रदेश की भूलेख की ऑफिसियल पोर्टल जाना होगा। यहाँ आपकों शत्रु संपत्ति की सुचना आसानी से मिल जाएगी, जिसके बारे में निचे STEP BY STEP बताया गया है।
शत्रु सम्पति देखने की प्रक्रिया : Step-by-Step
उत्तर प्रदेश के शत्रु संपत्ति की जानकरी को देखने के लिए आपको इन दिए गए सभी सूचनाओं का अनुसरण करना है।
STEP -1: सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश भूलेख की ऑफिसियल पोर्टल upbhulekh.gov.in जाना होगा।
STEP -2: जैसे ही आप ऑफिसियल पोर्टल जायेंगे आपको सर्विसेस में शत्रु सम्पति का ऑप्शन दिखाई देगा। जिस पर आपको क्लिक करना है।
STEP -3: अब एक नया पेग आपके स्क्रीन पर खुलकर आ जायेगा, जहा से आप जनपद और तहसील के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे।
STEP -4: जैसे ही आप जनपद और तहसील चुनेंगे , उसका शत्रु संपत्ति का पूरा जानकारी स्क्रीन पर खुलकर आ जायेगा , जो कुछ इस तहर दिखाई देगी। इस तरह आप उत्तर प्रदेश के किसी भी जनपद और जिले के शत्रु संपत्ति का विवरण देख सकते है।
शत्रु सम्पत्ति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत में शत्रु सम्पत्ति की 1947 के विभाजन के समय से उत्पन्न हुई। जब लोग पाकिस्तान चले गए, तो उनकी संपत्ति भारत में रह गई, जिसे शत्रु सम्पत्ति कहा गया। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यह समस्या और भी बढ़ गई।
विभाजन के समय बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत चले गए। इस समय छोड़ी गई संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में लिया और इसे शत्रु सम्पत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया।
1968 में, भारत सरकार ने “शत्रु सम्पत्ति अधिनियम” (Enemy Property Act) पारित किया, जिससे शत्रु सम्पत्ति का प्रबंधन और नियंत्रण सुनिश्चित हुआ। समय-समय पर इस कानून में संशोधन किए गए ताकि प्रबंधन और उपयोग में सुधार हो सके।
शत्रु सम्पत्ति के प्रकार
शत्रु सम्पत्ति को मुख्यतः दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है –
- चल सम्पत्ति: वाहन, बैंक खाते, नकद राशि आदि।
- अचल सम्पत्ति: जमीन, मकान, दुकान आदि।
शत्रु सम्पत्ति की पहचान
शत्रु सम्पत्ति की पहचान करने के लिए कुछ निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के स्वामित्व दस्तावेजों की जांच करके।
- स्थानीय लोगों और पड़ोसियों से जानकारी प्राप्त करके।
- संपत्ति का लंबे समय से बिना किसी उपयोग के खाली हो सकता है।
- संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेजों में किसी दुश्मन देश के नागरिक का नाम होना।
शत्रु सम्पत्ति होने के कारण
जमीन का विवाद और बंटवारा: शत्रु सम्पत्ति का एक प्रमुख कारण विभाजन और उसके पश्चात होने वाले जमीन के विवाद हैं। विभाजन के समय बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी संपत्ति छोड़ दी, जिससे ये संपत्तियाँ शत्रु सम्पत्ति बन गईं।
ऐतिहासिक और राजनीतिक कारण: विभाजन और युद्ध जैसे ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाओं ने शत्रु सम्पत्ति की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अपनी संपत्तियाँ छोड़नी पड़ीं।
यूपी भूलेख हेल्पलाइन
यूपी भूलेख (UP Bhulekh Naksha)से सम्बंधित किसी भी समस्या के लिए हेल्पलाइन संपर्क सूत्र दिया गया है। अगर आपको ऑनलाइन पोर्टल पर अपने जमीन के रिकॉर्ड, खतौनी आदि ऑनलाइन देखने में कोई समस्या आती है तो आप नीचे दिए गए ईमेल या नंबर पर सम्पर्क करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
ईमेल आईडी : bhulekh-up@gov.in
कंप्यूटर सेल राजस्व मंडल लखनऊ, उत्तर प्रदेश
लैंडलाइन नंबर : +91-522-2217145
मोबाइल नंबर : 91-7080100588
(Mon to Fri 9:30 AM-6:00 PM )
FAQ
उत्तर प्रदेश की शत्रु सम्पति क्या है?
उत्तर प्रदेश की शत्रु सम्पति एक राज्य सरकार की पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य अवैध संपत्ति और संपत्ति की दोषपूर्ण प्राप्ति के खिलाफ कार्रवाई करना है।
शत्रु सम्पति का स्थान?
उत्तर प्रदेश की शत्रु सम्पति का मुख्य कार्यालय लखनऊ में स्थित है।
शत्रु सम्पति की शिकायत कैसे दर्ज कराएं?
शत्रु सम्पति को शिकायत दर्ज कराने के लिए Application का उपयोग किया जा सकता है और उनके कार्यालय में जमा किया जा सकता है।
शत्रु सम्पति किस प्रकार के शिकायतों को संज्ञान लेती है?
शत्रु सम्पति गैर कानूनी भूमि कब्जे, धोखाधड़ी, बेवजह धनराशि एवं दिनदहाड़े आर्थिक अपराधों जैसे मामलों में संज्ञान लेती है।